Khabar Cinema

आशाजी 82 जन्मदिन पर यह छोटा सा उपहार......

               "पर्दे में रहने दो पर्दा ना उठाओ", "पीया तू अब तो आजा", "दम मारो दम", "ये मेरा दिल प्यार का दीवाना" यह गाने सुन आप भी कई बार जम के नाचे होगें, अगर नही तो, पैर तो जरूर थिरके होंगे, यह जादू है आशा भोसले की आवाज़ का| आशा जी का जन्मदिन हो और हम बधाई न दे, यह हो ही नही सकता| आशा जी भले ही 83 साल की हो गई हो पर उनकी आवाज़ में आज भी वही रुमानियत है|       
       आशाजी का जन्म 1933 में महाराष्ट्र के साँगली जिल्ले के छोटे से गाँव गोअर में हुआ, पैदा ही संगीत घराने में हुई मास्टर दीनानाथ मंगेशकर| आशाजी के पिता नाटक कलाकार के साथ क्लासिकल संगीतकार भी थे.आशाजी सिर्फ़ नौ वर्ष की थी तब उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर जी की मृत्यु हो गई, बड़ी बहन लता मंगेशकर ने परिवार को सम्भालने की जिम्मेवारी उठाई, पूरा परिवार पहले पूना, फिर कोल्हापुर और उसके बाद मुंबई आए, यहा लता मंगेशकर ने फिल्मों में एक्टिंग के साथ सिंगिंग की शुरुवात की. उस वक्त आशाजी की उम्र 10 साल की ही थी और उन्होंने गाना शुरू कर दिया, उनका पहला गाना मराठी फ़िल्म "माझा बाल", और फिर हिन्दी फ़िल्म की और रुख किया हंसराज बहाल की फ़िल्म चुनरिया में गाना गया.
        आशाजी  ने 16 साल की उम्र में परिवार के विरुद्ध जाकर 31 वर्षीय गणपतराव भोसले से शादी की| लता मंगेशकर के पर्सनल  सेक्रेटरी गणपतराव  भोसले थे. कुछ ही सालों में अलग होने की नौबत आ गई, आशा जी को उनसे 2 बातें भी हुए यहा तक जब वह उन्हें जोड़ कर ऐ उस वक्त आशा जी गर्भवती भी थी. अब उन्हें पैसों के लिए गाना ही सहारा था. उस दौरान गीता दत्त, शमशाद बेगम और लता मंगेशकर का था आशा जी को कोई मौका ही नही दे रहा था. आख़िर उन्हें चांच मिला वह दिया संगीतकार ओ. पी. नय्यर ने फ़िल्म सी आइ डी में जहां से शरू हुई उनकी सफलता| अब ओ. पी. नय्यर के संगीत में आशा जी गाने लगी, सिंगर की बात कर तो उन्होंने किशोर कुमार, मोहम्मद रफी, मुकेश सभी के साथ एक से बाद कर एक गाने देती गई. इस वक्त खबरों ने तूल पकड़ लिया की आशा और नय्यर ने शादी कर ली है. इसमे कितनी सचाई है यह शायद आशा जी ही बेहतर जाने. 
          राहुल देव बर्मन ने आशा जी का एक नया ही पहलू ले आए, फ़िल्म तीसरी कसम के गाने बहुत प्रसिद्ध हुए| जब आशा ने गया " आजा आजा में हूँ प्यार तेरा" वेस्टर्न को अपना लिया हो. उसके बाद "ओ हसीना जोल्फो वाली", "ओ मेरे सोना रे सोना"  तीनों गाने रफी के साथ और गाने इतने हिट हुए की आज भी लौंग इन गानों पर झूम उठते है| उसके बाद कई हिट गाने दिए, और इस जोड़ी ने आखिर शादी कर ली. आशा जी ने न कवेल अच्छे संगीतकार के साथ कम किया बल्कि अच्छे गीतकारो के साथ भी कम किया| रवि, खय्याम जी का भी अच्छा साथ मिला. 
           कहते है की सॉन्ग "ये मेरे वतन के लोंगो", जिसे सुन उस वक्त के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आँखों में आँसू आ गए थ, उस गाने को आशा जी और लता जी दोनों बहने साथ में गाने वाले थे, पर लता जी ने ज़िद्द की और उन्होंने यह गाना अकेले ने ही गया|     
     आशा जी ने जब 62 वर्ष में अभिनेत्री उर्मिला मतोडकर को आवाज़ दी तो लगा ही नही की उनकी इतनी उम्र हो गए है, वैसे आशा जी ने नॉन फिल्मी सॉन्ग के साथ ग़ज़ल भी गाए महेंडी हसन, ग़ुलाम अली, जगजीत सिंह, जैसे सिंगर के साथ. यहा तक क्रिकेट की दीवानी आशा जी ने ब्रेट ली के साथ भी गाना कर कर सभी को चौका दिया| आशा जी ने कई भाषाओ  में भी अपनी आवाज़ से लोंगो का मन जीत लिया मराठी,गुजराथी, बंगाली,जैसे कई आंय भाषा में भी आशा जी ने गाने गाए|
       अवॉर्ड की बात तो न करे तो ही अच्छा है उनका इतना लंबा करियर है तो वाजिब है अवॉर्ड की फैयरित भी कफि लंबी ही होंगी शायद मुझे बताने की अवशकता नही है| हा यह जरूर कहना चाहता हूँ कि सन् 2000 में आशा जी को दादा साहब फाल्के से नवाजा गया, अमरावती से उन्हें डॉक्टर की उपाधि मिली, भारत सरकार की और से उन्हें पद्म भूषण से नवाजा ही गया, अभी बाकी है सन् 2011 में तो आशा जी गिनिस बुक रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुकी है|
     आशा जी आज भी जब वह गाती है तो लगता है की वह नही पर्दे पर जिस एक्ट्रेस पर फिल्माया गया वही गा रही हो..  
   आशा जी आपके 82 जन्मदिन पर यह छोटा सा उपहार हमारी और से..
 
      जन्मदिन की ढेर सारी बधाई ... आशा जी...
 
पुष्कर ओझा