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अच्छी स्क्रिप्ट और एक सन्देश हैं अकीरा (स्टार २/५ )

        ए आर मुरुगदास ने गजनी और होलीडेस जैसी सुपर हिट फिल्मे हिंदी सिनेमा को दी हैं, तमिल में तो वह कई फिल्मे हिट दे ही चुके हैं, अब वह लेकर  फिल्म अकीरा जो एक लड़की की कहानी हैं ।  
       फिल्म की कहानी राजस्थान के जोधपुर शहर की है जहा अकीरा शर्मा ( सोनाक्षी सिन्हा ) अपने पिता ( अतुल कुलकर्णी ) माँ और भाई के साथ रहती हैं, बचपन में अकीरा के सामने एक लड़के ने एक लड़की पर तेजाब फेका उसकी गवाह बन जाती हैं । जिससे उस लड़के के दोस्त उस पर चाकू से वार करते हैं, अपनी  आत्मरक्षा के लिए वह आर्ट सीखती हैं और एक  कुछ लड़को से झड़प होती है और  तीन साल बाल सुधार  गृह में रहना पड़ता हैं, वक़्त बिता  हुई , उसका भाई मुम्बई में रहता है और वह शादी भी कर  ,वह अपनी माँ  को  आता हैं यहाँ अकीरा हॉस्टल में रहना पसंद करती हैं जहा किसी कारण  वस पुलिस के हाथो इन्कॉउंटर होने वाला होठो हैं पर बच जाती है।  ए सी पी ( अनुराग कश्यप ) एक करप्ट पुलिस वाला है जो अकीरा को जूते आरोप में फसता  पागल करार देने की कोशिश करता है।  अब अकीरा इस सब से कैसे  निकलती हैं या नहीं आपको फिल्म देखनी होंगी । 
      स्क्रिप्ट की बात करे  स्क्रिप्ट काफी मजबूत हैं, इंटरवल के पहले फिल्म बांध कर रखती हैं हर सीन पर कुछ अपेक्षा के  आता हैं लोकेशन  लेकर मुरुगदास ने अच्छी  पकड़ बनाए राखी पर इंटरवल के बाद लगा फिल्म ढीली पड़ हैं सीन लंबे होते गए । 
      अभिनय की बात करे तो सोनाक्षी  नज़र  आती हैं सोनाक्षी ने मेहनत  की  है  अनुराग कश्यप ने फिर एक बार अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा  लिया है, कोकणा सेन ने भी एक्टिंग अच्छी की हैं । 
फिल्म में संगीत की आवश्यकता नहीं थी   और इस बात का ध्यान  भी खूब रखा गया है। 
  फिल्म एक बार देखने में कोई  हर्ज नहीं हैं बाकी आप पर निर्भर हैं ।  
 
पुष्कर ओझा