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अभिनय से लेकर कहानी तक बताने में भी असफल डैडी (स्टार 2.5/5)

      इनदिनों बयोपिक का दौर चल रहा हैं, इस कड़ी में अब अरुण गवली से डैडी के सफर को दर्शाती फिल्म डैडी अब सिनेमागृह में लग चुकी हैं, कैसी हैं यह फिल्म आएये जानते हैं |  
 
फिल्म : डैडी 
श्रेणी :पॉलिटिकल क्राइम ड्रामा 
कास्ट : अर्जुन रामपाल, निशिकांत कामत और ऐश्वर्या राजेश
निर्देशक : आशिम आहलूवालिया
निर्माता : अर्जुन रामपाल, ऋत्विज पटेल 
संगीत : साजिद - वाजिद 
स्टार 2.5/5
 
      बात करते है कहानी की १९७६ से कहानी का आरंभ होती हैं अरुण एक मज़दूर का पुत्र हैं, बड़े होने के बाद अरुण की संगत गुंडे मवाली से होती हैं, और अरुण भी इस गैंग में शामिल हो कर वही करता है जो सब करते हैं, फिर वह अपना गैंग बनाता हैं, और भाई के लिए काम करना शुरू करता हैं, अब आप यह पूछेंगे भाई बेशक दाऊद की ही बात हो रही हैं पर फिल्म में उसका नाम नहीं लिया | अरुण काम तो भाई के लिए करता हैं पर उसे अपनी एक अलग गैंग और काम करना चाहता हैं, और इसी चक्कर में अरुण की भाई से दुश्मनी हो जाती हैं, फिल्म में अरुण गवली की कहानी को अलग अलग माध्यम से बताने की कोशिश की हैं, वह भी बड़े ही सहज तरीको से इस कारण फिल्म बांध के रखने में सक्षम नहीं हो पाती | 

      बात करते है अभिनय की अरुण गवली उर्फ़ डैडी का किरदार अर्जुन रामपाल ने  निभाया पर वह सटीक नहीं बैठे, अर्जुन ने अरुण की कॉपी करने की एक अच्छी कोशिश की पर वह कामयाब नहीं हो पाए, अरुण गवली को हम सब ने देखा हैं उनसे मिले हैं उनका हावभाव से वाकिब हैं, अर्जुन को थोड़ा किरदार के लिए तैयारी करनी थी | खेर पुलिस अफसर के किरदार में  निशिकांत कामत ने बढ़िया अभिनय किया हैं | भाई के रोल में फरहान अख्तर बिलकुल नहीं जचे, वह भी किरदार से दूर ही नज़र आये | 
 
    संगीत की बात करते हैं संगीत कोई इतना ख़ास नहीं हैं, ऐसा कोई गाना भी नहीं हैं जो कर्णप्रिय हो, वैसे बयोपिक फिल्मो में संगीत हो न हो कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता | 
       बयोपिक फिल्म बनाने से पहले कुछ बयोपिक फिल्मे देख लेते मश्लन मैरी कॉम, भाग मिल्खा भाग तो शायद ऑडिशन के  टेस्ट का पता चल जाता, अभिनय से लेकर किरदार यहाँ तक कहानी बताने में भी असफल नज़र आती हैं | 
 
पुष्कर ओझा