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इतिहास के पन्नों को उजागर करती 'पार्टीशन 1947' ( स्टार 3 /5 )

     फिर एक बार इतिहास के कुछ पन्ने सामने आए कुछ हद्द तक लगा की वाकय कुछ ऐसा हुआ भी था, पर बंजर देख लगा हुआ ही होगा आखिर अपना वजूद के लिए कुछ मर भी गए तो क्या गम | 'पार्टिशन-1947' इंडिया-पाकिस्तान के बैकड्राप पर बनी प्रेम कहानी | 

फिल्म      :  'पार्टीशन 1947'
श्रेणी        : हिस्टोरिकल ड्रामा
निर्देशक    :  गुरिंदर चढ्डा
निर्माता : पॉल मायदा, दीपक नायर
कास्ट : हुमा कुरैशी, मनीष दयाल, ओम पुरी
म्यूजिक    :  एआर रहमान
स्टार :    3 /5
         बात करते है कहानी की कहानी 1945-47 के बीच की है। जब आखिरी वायसरॉय माउंटबेटन लुई को इंडिया पाकिस्तान के विभाजन का कार्य सौपा जाता हैं हालांकि इस निर्णय से वह भी खुश नज़र नहीं आते, पर क्या करे उन्हें अपना फर्ज निभाना हैं,  वह कई बार कोशिश भी करते हैं पर जिन्ना अलग देश पाकिस्तान की मांग से टच से मच नहीं होते, इस बिच एक प्रेमी  जोड़ा भी नज़र आता हैं आलिया(हुमा कुरैशी) और जीत सिंह(मनीष दयाल) की प्रेम कहानी भी अपनी सीमा के दायरे में सिमटी नज़र आती हैं | बॅटवारे ने कइयों की जान ली कई घर कई गांव के नामो निशान मिट गए, हुआ भी वही जो उस वक़्त  माउंटबेटन लुई ने जो कहा था खेर फिल्म की बात करे तो कई सच्चाई को उजागर किया हैं | आखिर क्या होता है यह आज की तारीख में सब जानते हैं भाई २०१७ है इंटर नेट का जमाना हैं | 
        बात करते हैं निर्देशन की फिल्म का अधिकतर हिस्सा रियल लोकेशन पर शूट किया गया हैं, स्क्रीनप्ले एवं निर्देशन  ठीकठाक ही हैं, फिल्म की गति काफी धीमी नज़र आती हैं फिल्म की कहानी रियल कहानी है जो निर्देशिका गुरिंदर चड्ढा की आप बीती हैं | फिल्म को और बेहतर करने की आवश्यकता थी | 
      अभिनय की बात करते हैं हुमा ने काफी अच्छा परफॉरमेंस किया हैं उन्होंने इस किरदार को जिया हैं ऐसा लगा, मनीष ने भी अपना किरदार खूब अच्छी तरह निभाया|  स्वर्गीय ओम पूरी भी नज़र आये जो हुमा के पिता के किरदार निभा रहे हैं | अन्य कलकारों ने भी बेहतरीन अभिनय किया हैं |
        संगीत की बात करे तो सूफी कलाम 'दमादम मस्त कलंदर' को पिरोया गया हैं संगीत   एआर रहमान का हो तो बस नाम ही काफी हैं | 
 
पुष्कर ओझा