Khabar Cinema

इस बार नहीं अच्छा लगा सरकार की सरकार ३ ( स्टार 2 /5 )

       फिल्म सरकार और सरकार राज के बाद एक बार फिर रामगोपाल वर्मा सरकार ३ लेकर आए, यह हम सब जानते हैं सरकार का पावर मुंबई में कैसा चलता हैं, साकार को जो अच्छा लगता हैं वह वही करते हैं | 
फिल्म :  सरकार 3
श्रेणी : पॉलिटिकल थ्रिलर ड्रामा
निर्देशक : रामगोपाल वर्मा
निर्माता : राहुल मित्रा, आनंद पंडित, गोपाल शिवराम डॉल्वी
स्टार     :  2 /5
कास्ट  : अमिताभ बच्चन, मनोज बाजपेयी, जैकी श्रॉफ, अमित साद , यामी गौतम, रोनित रॉय ,रोहिणी हथनगाडी
संगीत   : रवि शंकर
      बात करते है कहानी की  सुभास नागरे  यानि सरकार ( अमिताभ बच्चन ) बीमार पत्नी ( सुप्रिया पाठक ) के साथ अपनी सरकार चलता हैं जो हम पिछली फिल्मो में देख ही चुके हैं कहानी में मोड़ तब आता हैं, जब विष्णु नागरे का बेटा यानि  सुभाष नागरे का पोता चीकू उर्फ शिवाजी  नागरे (अमित साद) गांव  से अपने दादा के साथ उनकी सरकार चलने में हाथ बटाने का कार्य करने सरकार से कहता हैं और साकार मान भी जाते हैं ।पर सरकार के खास गोकुल (रोनित रॉय) पर शिवाजी नागरे शक करता हैं और वह यकीं दिलाता हैं  की गोकुल से सरकार को सिर्फ नुकशान ही होगा, दूसरी तरफ अनु (यामी गौतम) के पिता का कातिल सरकार हैं उसे हर हाल में सरकार से बदला लेना हैं, यह बात अनु के प्रेमी शिवाजी नागरे को भी पता है । यहाँ सरकार की सरकार हिल्लाने  की कोशीश करते नज़र आते हैं  देशपांडे (मनोज बाजपेयी) और दूसरी तरफ दुबई में बैठे  बिजनेसमैन माइकल वाल्या (जैकी श्रॉफ) सरकार को बर्बाद करने की पूरी कोशिश करता  रहता है। क्या सरकार को इन सब की खबर लगती हैं, क्या सरकार का खास गोकुल वाकय धोखेबाज़ हैं, इन सब का जवाब सरकार ३ देख कर ही मिलेगा | 
      बात करते है निर्देशक  रामगोपाल वर्मा की तारीफ करनी होंगी उनका निर्देशनहो, या कैमरा काम्ल का नज़र आता हैं, कमजोर है तो इस फिल्म का स्क्रीनप्ले जिसे सुधारा जा सकता था, कुछ क्या कई सीन तो अनावश्यक ही लगे, फिल्म की कहानी के साथ सीन बैठ ही नहीं रहे थे, रामगोपाल  ने इन सब पर ध्यान दिया होता तो शायद यह फिल्म पहली दो फिल्मो को भी मात देने में सक्षम साबित होती | 
       अभिनय की बात करते हैं  इस बार अमिताभ बच्चन थके हुए नज़र आए, बेशक उनकी   एक्टिंग और  डायलॉग्स डिलीवरी पसंद आई ।पर उतनी नहीं जितनी पिछली फिल्मों में पसंद की गई थी, मनोज बाजपेयी के काफी काम सीन हैं पर जब भी वह परदे पर आए और अपना अभिनय का ऐसा जलवा दिखाया की आपके मुँह से वाह निकल जाएगा, अमित साद  ने अच्छा अभिनय किया पर कई बार भूल गए की उनका किरदार मराठी का है न की पंजाबी का, यामी गौतम ने नेगेटिव किरदार किया उनके किरदार को रामगोपाल ने जस्टिस नहीं दिया उनमे यामी का कसूर नहीं हैं बाकी जैकी श्रॉफ , रोनित रॉय, रोहिणी हथनगाडी, ने अपने किरदार को ठीक ठाक ही किया हैं | 
       संगीत की बात करते हैं  'गोविंदा गोविंदा' यह हम पिछली दोनों फिल्मों में सुन ही चुके हैं , बैकग्राउंड में अक्सर यही सुनाई भी दिया, बाकि फिल्म में कोई गाने की जरुरत नहीं थी तो रामगोपाल ने इस बात का ध्यान रखा |
 
पुष्कर ओझा