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उम्मीद से कम ही नजर आए दिलवाले ( स्टार 2.5)

                           रोहित शेट्टी की फिल्मों में किरदार के साथ साथ कारे भी किरदारों का एक हिस्सा होती है, पिछले 2003 से हम उनकी फिल्में देखते आए है और यही नजर भी आया है| दिलवाले में उनका दायरा बढ़ गया है, इस बार कारो की संख्या बढ़ी है, साथ ही मँहगी भी हो गई है, और उन्हें विदेशी सड़कें भी मिली है|  यह तो थी कारो की बातें फ़िल्म दिलवाले के किरदारों की बात करे तो शाहरुख ने राज/ काली, काजोल ने मीरा, वरुण धवन ने वीर, कृति सेनन ने ईशिता, वरुण शर्मा ने सिद्धु, जॉनी लीवर ने मनी भाई, बोमन ईरानी ने किंग और संजय मिश्रा ने ऑस्कर का किरदार निभाया है|    
                        शाहरुख  - काजोल तकरीबन 5 सालों के बाद रुपहरे पर्दे पर नजर आ रही है, रोहित शेट्टी ने इस रोमांटिक जोड़ी के लिए फ़िल्म में रोमांटिक सीन और गाने रखे है| शाहरुख और काजोल की जवानी देखने की भी कोशिश की है, इस जोड़ी को पर्दे पर प्रेम करते, गाने गाते और नफरत करते देखने का आनंद ही अलग लगाता है| फ़िल्म दिलवाले शुरू में हिचकोले खाती है, रोहित रोमांच के मामले में अब भी थोड़े कमजोर है, हा कॉमेडी और ऐक्शन में माहिर है, यह फ़िल्म थोड़ी संभल जाती है| वरुण धवन और कृति सेनन की जोड़ी शाहरुख - काजोल  के सामने थोड़ी फीकी लगती है|ऐसा लगता है की इस जोड़ी को गाने और रोमांच के लिए ही रोहित ने चुना है| कुछ सीन में वरुण ओवर एक्टिंग करते नजर आए, या हो सकता है कि शाहरुख - काजोल के सामने थोड़े दोनों घबराहट महसूस कर रहे हो| अन्य कलाकारों में संजय मिश्रा ने भरपूर लोटपोट करने की कोशिश की है उनके संवाद में जब वह ब्रांड के साथ सुनते ही हस्सी आ जाती है|  इनके अलावा बोमन ईरानी ने तो नाखुश की किया, मुकेश तिवारी, जॉनी लीवर, वरुण शर्मा और पंकज त्रिपाठी ने अपने किरदार को अच्छे से अंजाम दिया है|
               फ़िल्म में कमजोर कड़ी है तो कहानी है, गाने भी कर्ण प्रिय नही है, गेरुआ और मनवा इश्क थोड़े ठीक है| दिलवाले के अंतिम में शरण में जब शाहरुख फ़िल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे का संवाद "बड़े बड़े शहरों में छोटी छोटी बातें होती रहती है सेनोरिटा", सुन दर्शकों की हँसी छूट जाती है|  
 
पुष्कर ओझा