हमने आपने स्कूल या कॉलेज में प्यार तो किया ही होगा, वह अलग बात है की आज उसके बच्चे हमें ....... समज गए होंगे, पर लगता हैं अब वह दौर गया अब तो इसे हम 'हाफ गर्लफ्रेंड' का नाम भी दे सकते हैं | खेर आपको पता ही होंगा की चेतन भगत की नॉवेल पर कई फिल्में बनी हैं। अब एक बार फिर से उनके 'हाफ गर्लफ्रेंड' बेस्ड फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। जिसमे अर्जुन कपूर और श्रद्धा कपूर नज़र आ रहे हैं।
फिल्म : हाफ गर्लफ्रेंड
कास्ट : अर्जुन कपूर, श्रद्धा कपूर, विक्रांत मस्सी, रिया चक्रवर्ती, सीमा बिस्वास
श्रेणी : रोमांटिक ड्रामा
निर्देशक : मोहित सूरी
निर्माता : बालाजी टेलीफिल्म्स, चेतन भगत, मोहित सूरी
संगीत : मिथुन और तनिष्क बागची
रेटिंग : 2 /5
कहानी की बात करते हैं बिहार के रहने वाले माधव झा(अर्जुन कपूर) की है, जो दिल्ली आकर स्पोर्ट्स कोटे से उम्दा कॉलेज में दाखिला लेता है। जहां उसकी मुलाक़ात रिया सोमानी (श्रद्धा कपूर) से होती है। दोनों को बास्केटबॉल खेलना पसंद हैं । तकलीफ सिर्फ एक बात की ही हैं की माधव को इंग्लिश का इ भी नहीं आता और रिया फर्राटे दार इंग्लिश बोलती हैं माधव का दिल आ जाता है रिया पर, पर रिया उसे प्यार करती भी हैं और नहीं भी । वह तो माधव की हाफ गर्लफ्रेंड बन जाती है। फिर दोनों में मनमुटाव होता हैं किसी कारण वस और फिर कहानी बिहार से न्यूयोर्क तक का सफर करती हैं । तो क्या माधव की रिया हाफ गर्लफ्रेंड बन ही रह जाती हैं या माधव उसे ? इसके लिए आपको फिल्म देखनी होंगी |
निर्देशन की बात करते हैं मोहित सूरी की पिछली फिल्मों की झलक इस फिल्म में भी नज़र आती हैं फिर 'आशिकी २' हो या 'एक विलेन', डायरेक्शन अच्छा हैं पर और बेहतर हो सकता था लोकेशन, सिनेमैटोग्राफी, कैमरा वर्क भी बढ़िया है। बस कहानी काफी कमजोर नज़र आई, कई बार आपको बोर करती नज़र आती हैं, मोहित को थोड़ी और मेहनत करनी थी, खासतौर पर एडिटिंग से लेकर स्क्रिप्ट और स्क्रीनप्ले पर |
अभिनय की बात करते हैं अर्जुन कपूर को शायद इस फिल्म को माना करना चाहिए था, चाहे भले अर्जुन ने एक अच्छी कोशिश की पर वह नज़र नहीं आया, माधव के किरदार के लिए उन्हें भी थोड़ी और मेहनत की जरुरत थी , रही बात श्रद्धा कपूर की तो आपने 'आशिकी २' देखी उसमे आपको श्रद्धा कैसी लगी बस उसी के आस पास श्रद्धा का अभिनय इस बार भी नज़र आता हैं फिल्म में अगर किसी ने बेहतरीन अभिनय किया तो वह हैं विक्रांत मस्सी क़ाबिले तारीफ हैं | अन्य कलाकारों ने भी अपना अभिनय ठीक ठाक ही किया |
संगीत की बात करते हैं मैं फिर भी तुमको चाहूंगा एक बाठिया गाना हैं, इसके आलावा भी गाने अच्छे ही हैं |
पुष्कर ओझा