फिल्म : रेस 3
श्रेणी : एक्शन ड्रामा
निर्देशक : : रेमो डिसूजा
निर्माता : रमेश तौरानी
कास्ट: सलमान खान, बॉबी देओल, अनिल कपूर, जैकलीन फर्नांडिज, डेजी शाह, शाकिब सलीम
स्टार : 2/5
समीक्षक : पुष्कर ओझा
कहानी की बात करे तो रेस 3 की कहानी शुरुवात शमसेर ( अनिल कपूर ) से, शमसेर अवैध तरीके से हथियार सप्लाई का काम करता हैं, जो भारत से फरार हो कर आईलैंड अल शिफा बिज़नेस करता हैं | उसे कई साल हो गए हैं इस बिज़नेस में और उसका सपना एक बार फिर उत्तर प्रदेश के जिल्ला हंडिया में आ कर अपना अवैध हथियार का धंधा शुरू करना हैं , जहा से उसने शुरू किया था, दूसरी तरफ राणा (फ्रेडी दारूवाला) शमसेर का दुश्मन भी है और वह भी शमसेर के सारे अवैध धंधे को अपनाना चाहता हैं | शमसेर का सौतेला बेटा सिकंदर ( सलमान खान ) जो काफी तेज ,चतुर और चालक हैं , शमसेर को सिकंदर पर पूरा भरोषा हैं , जबकि शमसेर की दो बच्चे हैं संजना (डेजी शाह) और सूरज (शाकिब सलीम) है। यह इस अवैध हथियार के धंधे में एक साथ काम करते हैं पर एक दिन शमसेर की पत्नी की एक व्हील सामने आती है, व्हील के मुताबिक सिकंदर ५० प्रतिशत और संजना व २५ -२५ प्रतिशत जायदात हिस्से के बटवारे से संजना और सूरज नाराज हैं | सिकंदर का दोस्त और बोडीगॉर्ड यश (बॉबी देओल) हैं | जैसिका (जैकलीन फर्नांडिज) सिकंदर की गर्लफ्रेंड है। कई ट्रंस ट्वीस्ट के साथ रेस शुरू होती हैं जिसके लिए आपको सिनेमा गृह की और रूख करना होगा |
अभिनय की बात करते हैं अनिल कपूर ने शुरू से अंत तक बेहतरीन अभिनय किया , सलमान अमूमन एक्टिंग फिल्मों में करते हैं वैसी ही हैं कुछ एक्स्ट्रा नज़र नहीं आया, बॉबी देओल काफी अंतराल के बाद नज़र आ रहे हैं पर उनका अभिनय भी कुछ खास नहीं रहा | अब रहा सवाल डेज़ी और जैकलीन का जिनकी ऐक्टिंग तो ठीक थक रही पर दोनों में एक एक्शन सीन हैं जो काबिले तारीफ हैं | शाकिब सलीम, फ्रेडी दारूवाला, शरद सक्सेना और अन्य ने ठीकठाक ही अभिनय किया |
बात करते हैं निर्देशन की निर्देशक रेमो डिसूजा ने पूरी कोशिश की फिल्म में इमोशन्स, स्टाइल, ड्रामा और एक्शन से लबालब हो पर वह विफल रहे | फिल्म के लोकेशन काफी खूबसूरत हैं, पर कहानी लड़खड़ाती हुइ नज़र आती हैं, साथ ही फिल्म को भव्य बनाने के चक्कर में काफी लम्बी हो गयी कई डायलॉग्स भी रिपीट किये गए रहा सवाल एक्शन सीन का जिसमें कुछ सीन्स को छोड़कर बाकी सीन्स काफी स्लो नज़र आते हैं | रेमो को पिछली फिल्मे रेस और रेस २ को नज़र अंदाज नहीं करना चाहिए था |
बात करते हैं संगीत की फिल्म में एक या दो गाने को छोड़ दे तो लगता है बाकी सभी गाने जबरदस्ती डाले गए है, जो इतने खास नहीं हैं यहाँ तक सलमान द्वारा लिखा गाना निराशाजनक है।