Khabar Cinema

घिसी पीटी कहानी हैं मॉम ( स्टार 2.5/5)

हाल ही में रवीना टंडन  फिल्म मातृ देखी थी और अब श्रीदेवी की मॉम जिसका निर्देशन किया एड मेकर रवि उदयावर कैसे है यह मॉम की ममता जानते हैं | 
 
फिल्म     : मॉम
कास्ट      : श्रीदेवी,नवाजुद्दीन सिद्दीकी,अक्षय खन्ना,अदनान सिद्दीकी, सजल अली और अभिमन्यु सिंह
श्रेणी        : थ्रिलर ड्रामा
निर्देशक    : रवि उदयावर
निर्माता    : बोनी कपूर, सुनील मनचंदा, मुकेश तलरेजा
संगीत      : एआर रहमान
रेटिंग      :   2.5 /5
          कहानी की बात करते हैं  देवकी (श्रीदेवी) की है जो पेशे से एक टीचर है और उसकी बेटी आर्या(सजल अली) भी उसकी ही क्लास में पढ़ती है। मोहित नाम का छात्र आर्या को एमएमएस  भेजता है। इसकी खबर जब देवकी  को पढ़ती हैं तो वह क्लास में मोहित को सजा देती है। फिर क्या मोहित ने वेलेंटाइन्स डे की पार्टी में उसका बदला लेने के लिए मोहित अपने दोस्तों के साथ आर्या का रेप कर देता और उसको गंदे   नाले में ले जाकर फेंक देता है। देवकी इसकी शिकायत करती हैं, कोर्ट केस  होता हैं पर कोर्ट केस में मोहित को बरी कर दिया जाता है लेकिन मां होने के नाते इस दुष्कर्म का बदला लेने के लिए देवकी अब डिटेक्टिव डीके (नवाजुद्दीन सिद्दीकी) की मदद लेने लगती है। पुलिस अफसर फ्रांसिस (अक्षय खन्ना) भी अलग अवतार में दिखाई देते हैं। कई मोड़ आते हैं और आखिरकार कहानी टिपिकल अंदाज में खत्म हो जाती है।
     निर्देशक की बात करते निर्देशक  रवि उदयावर का काम और बेहतरीन  हो सकता था  एक बात अच्छी यह हैं की  घटनाओं की सिनेमेटोग्राफी बढ़िया है। कहानी ही घिसी पीटी हैं कुछ नया नहीं हैं , फिल्म देखते हुए आप यह अनुमान भी लगा सकते हो की अगला सीन क्या होना हैं |  थोड़ा और काम करने की आवश्यकता थी खासतौर  पर कहानी को पेश करने में | 
          अभिनय की बात करते हैं श्रीदेवी ने बेहतरीन परफॉरमेंस किया हैं इसे कहते है साजिदा अभिनय | वही आर्या यानि सजल अली ने अपना अभिनय ठीक ही किया हैं, फिल्म मॉम में देखने लायक अभिनय हैं तो वह हैं  नवाजुद्दीन सिद्दीकी | स्क्रीन पर आते ही आप हस्ते भी हैं और गंभीर भी हो जायेंगे, प्रोमो में ही उनका एक अलग लुक नज़र आ गया था, अक्षय खन्ना सीधे सहज अभिनय किया हैं अमूमन इस तरह का किरदार वह कर भी चुके हैं | 
         संगीत की बात करते हैं, इस तरह की फिल्मों में गाने को महत्व शायद नहीं दिया जाता हैं कहानी पर विशेष ध्यान दिया जाता हैं, लगता हैं मॉम के साथ भी यही हुआ, संगीत कार ए आर रेहमान होने के बावजूद कोई ऐसा गाना नहीं हैं जो याद रहे, है बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा हैं | 
 
भले घिसी पीटी कहानी हैं पर फिल्म देखनी हैं तो सिर्फ नवाज़ भाई के लिए देख सकते हो | 
 
पुष्कर ओझा