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दूर तक न लव नज़र आया न कोई फंडे फिल्म लव के फंडे (स्टार २)

      ज़िन्दगी में एक बार प्यार होना जरुरी हैं, पर कुछ प्यार के नाम पर हवस के पुजारी बन गए तो कुछ प्यार को टाइम पास समझ बैठे हैं प्यार के कई रूप है, इन्ही रूपो को अपने अंदाज में निर्देशक इंद्रवेश योगी फिल्म लव के फंडे ले आये है। 
        फिल्म की कहानी ४ कलाकारों की है, मनन ( रिशांक तिवारी) और जस्सी ( समीक्षा भटनागर ) एक शादी सुदा जोड़ा है, पर मनन इस रिश्ते से खुश नहीं हैं और वह बहार प्यार की तलाश कर रहा हैं, निखिल ( हर्षवर्धन जोशी ) और रिया ( सूफी गुलाटी) एक दूसरे से प्यार करते है पर निखिल की सोच है की वह शादी के बंधन में नहीं फसना चाहता हैं, आर्यन ( शालीन भनोट ), सोना ( पूजा बनर्जी ),सैंडी ( राहुल पूरी ) और अन्नू ( रितिका  गुलाटी ) एक रिलेशन में नज़र ही नहीं आये वह तो अपने पार्टनर के खुश ही नही है। यही है लव के फंडे । 
     कमजोर कड़ी फिल्म की कहानी तो हैं ही साथ ही डायरेक्शन भी काफी धीमा लगा कब कौनसा सीन और क्यू पर्दे पर नज़र आया इसका फंडा सिर्फ इन्ही ही पता होंगा, स्क्रीनप्ले  पर भी ध्यान नहीं दिया।  गोवा के लोकेशन को भी ठीक से पिरोने में असफल रहे ।  
         कलाकारों की बात करे तो लग रहा था की वह निर्देशक की कठपुतली बन गए है, ठीक है कैप्टन ऑफ़ शिप वही है पर अपना इनपुट भी कुछ होता हैं,रिशांक, हर्षवर्धन, आर्यन, सैंडी  और समीक्षा को छोड़ बाकि कलाकार से बिलकुल लव नहीं हुआ ।   
      संगीत लगा अच्छा होंगे फैज़ अनवर ने गाने लिखे पर 'नैना शातिर' सुखी पाजी का छोड़ यहाँ भी लव नहीं हुआ । 
  काश यह लिख सकता की एक बार देखी जा सकती हैं । 
 
पुष्कर ओझा