कहते प्यार कभी उच नीच नहीं देखता कभी अमीरी गरीबी मायने नहीं रखती बस मोहब्बत हो जाती हैं, कुछ यही दास्तान हैं प्रकाश इलेक्ट्रिशियन की,
फिल्म : प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक
कास्ट : हेमंत पांडेय, हृषिता भट्ट, संजय मिश्रा, वृजेश हिरजी और हिमानी शिवपुरी
निर्देशक : मनोज शर्मा
स्टार : २
कहानी की बात करते हैं, प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक शॉप में प्रकाश ( हेमंत पांडेय ) जो कहता है, आधी रात में भी सेवा के लिए हाजिर, प्रकाश टीवी, फ्रिज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजो को बनाने में माहिर है, यहाँ तक बिजली चले जाने पर प्रकाश अपने नाक की गंध से पता लगा सकता है की फलॉट कहा पर है । प्रकाश की उम्र हो चुकी है शादी के लायक पर कोई लड़की अब तक उन्हें नहीं मिली, और एक दिन अचानक पड़ोस में बरखा ( हृषिता भट्ट ) ने दस्तक दी और प्रकाश की नज़र उस पर से हटती ही नहीं, और प्रकाश को उस से प्यार हो जाता है, यह खबर और जो नोजवान ने उन्हें भी पता चल गई आखिर वह सब भी यही चक्कर में थे, खेर प्रकाश अक्सर किसी बहाने से या बरखा उसे किसी न किसी कारन घर बुला ही लेती थी, यानि आग दोनों तरफ थी, फिर एक दिन प्रकाश को पता चलता है की बरखा एक बारगर्ल बस फिर क्या प्रकाश के आगे अँधेरा छा गया, तो क्या वाकय बरखा बारगर्ल हैं क्या सच में प्रकाश से बरखा प्यार करती हैं, इसके लिए आपको फिल्म प्रकाश एलेक्ट्रॉनिस देखनी होंगी ।
अभिनय की बात करते हैं प्रकाश के किरदार में हेमंत पांडेय ने अपना अभिनय अच्छा किया हैं, वही हृषिता भट्ट कही कही ओवरएक्टिंग करती नज़र आई, संजय मिश्रा, वृजेश और हिमानी अपने किरदार को ठीक ठाक किया हैं ।
निर्देशन की बात करे तो, मनोज शर्मा ने इस फिल्म के पहले लोलीपॉप बनाई थी, और अब प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स, फिल्म का सब्जेक्ट घिसा पीटा है, कॉमेडी के नाम पर मनोज को पुराणी फिल्मो से सिख लेनी होंगी, कई बार काफी कमजोर डायरेक्शन नज़र आया हैं ।
संगीत की बात न करे वही अच्छा हैं ।
साल २०१७ की यह पहली फिल्म है, कॉमेडी है पर वही जो आप पहले कई बार कई फिल्मो में देख ही चुके हो । फिर भी असली फिल्म के समीक्षक तो आप ही हो ।
पुष्कर ओझा