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फ़िल्म समीक्षा : ऑल इज वेल (स्टार 2)

                         अमूमन बेटे का माँ के प्रति तो बेटी का बाप के प्रति स्नेह् नजर आता है, देखा अकसर गया है कि बेटे बाप में मतभेद होते ही है फिर वजह आप कोई भी उठालो, उस पर भी आज की पिढी तो बाप से दस कदम आगे ही है समजों| खैर उमेश शुक्ल की फ़िल्म ऑल इज वेल' में कही से वेल नजर नही आया| अभिषेक बच्चन यानि इंदर भल्ला का टूटा हुआ परिवार है। उसके मां-पिता का प्रेम विवाह है, पर आर्थिक तंगी के चलते घर में सुख-शांति नहीं है। रोज झगड़े होते हैं। उनके चलते इंदर का शादी से भरोसा उठ चुका है। इतना ही नहीं उसका बाप उसके सपनों बिच सबसे बड़ा अड़चन बन खड़ा है। आख़िर जिंदगी के कड़वे सच से दूर भागने के लिए इंदर हकीकत व अपने परिवार की दुनिया को छोड़ सपनों के पीछे भाग जाता है। वह दौड़ उसे विदेश ले आती है। पश्चात चीमा व एक हद तक अपनी प्रेमिका निम्मी के चलते वह फिर से अपने परिजनों के पास लौटता है। उसे पता लगता है कि उसका पिता कर्ज में डूबा हुआ है। मां अल्जाइमर से पीडित है। लिहाजा वह अपने बिखरे हुए परिवार को समेटने की कवायद में लग जाता है। आखिरकार अपने पिता को लेकर कड़वाहट और शादी व प्रतिबद्धता को लेकर सबकी गिरहें खुलने लगती हैं। इंदर का परिवार सफर पर जाता है और तब एक-दूसरे को लेकर गलतफहमियां दूर होती हैं। रोड ट्रिप वाली फिल्मों में दर्शकों को बांधने की चुनौती काफ़ी रहती है। फिल्म का एक बड़ा हिस्सा उबाव और ढीला नजर आया| फ़िल्म में ऋषि कपूर और मोहम्मद जीशान अय्यूब ने अपने किरदार में जान डालने की पुरी कोशिश की है| असिन ने तीन साल के ब्रेक के बाद वापसी की है, पर पंजाबी युवती निम्मी के चुलबुलेपन और अति आशावादी रवैये को पर्दे पर उभार नहीं सकी हैं। सुप्रिया पाठक की प्रतिभा फिल्म में जाया हुई है। अपनी लकी मैस्कट सोनाक्षी सिन्हा पर डांस नंबर फिल्माया है। उमेश शुक्ला हैं, जो इससे पहले 'ओह माय गॉड' दे चुके हैं। और धार्मिक आंडबरों पर प्रहार किया था। उनका तार्किक व नवीन विश्लेषण कर लीक से हटकर फिल्म दी थी, जिसे लोगों ने खुब स्वीकारा भी था। उमेश ने अपनी उस ताकत का प्रदर्शन इस फिल्म के जरिए भी करना चाहा है, लेकिन लचर कहानी व पटकथा ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया है।

 पुष्कर ओझा