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फिल्म समीक्षा : एबीसीडी 2

फिल्म समीक्षा : एबीसीडी 2 (3 स्टार)

             थोड़ा रोमांस, थोड़ी देशभक्ति अब ऐनी बड़ी केन डांस 2 की बात हो और डांस न हो रैमो डिसूजा की फिल्म ‘एबीसीडी 2’ में डांस भी है,फिल्म सच्ची कहानी पर आधारित है तो कुछ सच्चाई वहां से ले लेनी थी। लेकिन अफसोस के साथ कहना पड़ता है की रैमो ने निराश किया, हा डांस सिक्वेंस में वरुण धवन और श्रद्धा कपूर दोनों सुरु और विन्नी के किरदार में अपनी छाप छोड़ रहे है, सुरु और विन्नी मुंबई के पास स्तिथ नालासोपारा इलाके के युवक हैं। उनका एक ग्रुप भी है वे स्थानीय स्तर पर ‘हम किसी से कम नहीं’ कंपीटिशन में हिस्सा लेते हैं। नकल के आरोप में वहां से उनको निकाल दिए जाता है और इस वजह से उनकी खिलि उड़ाई जाती है.इस तौहीन के बावजूद उनका जोश ठंडा नहीं होता। वे मशहूर डांसर विष्णु को ट्रेनिंग के लिए राजी करते हैं विष्णु सर राजी तो होते हैं, और विदेश में हिप होप डांस कंपीटिशन ने हिस्सा लेने के लिए तैयारी करते है यहा विष्णु सर का कुछ और गेम प्लान है। ‘एबीसीडी 2’ में ड्रामा की बहुत कमी है। इस कमी की वजह से ही सुरु और विन्नी का रोमांस भी नहीं नजर आता। नतीजतन दोनों के बीच का रोमांटिक सॉन्ग अचानक और बेफिजुल लगता है। प्रभु देवा फिल्मों के बेहतरीन डांसर हैं। बतौर निर्देशक उनकी कुछ फिल्में सफल भी रही हैं। खुद अभिनय करते समय वे निराश करते हैं। रुण धवन और श्रद्धा कपूर ने मुश्किल स्टेप भी सहज तरीके से अपनाए हैं। ऐसा नहीं लगता कि वे मेहनत कर रहे हैं। सुरु और विन्नी की टीम के अन्य सदस्य भी डांस के दृश्यों में उचित योगदान करते हैं f
रैमो डिसूजा ने फिल्म में शानदार सेट नजर आ रहा है, स के स्टेप्स नए और प्रभावशाली हैं। यहां तक कि विदेशी टीमों के नृत्यों पर भी पूरा ध्यान दिया गया है। फ़िल्म में कही कमी रह गयी है तो कहानी की जिसे रैमो ठीक से पेश नही कर पाए है.

पुष्कर ओझा