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बलात्कारियो के लिए सबक मर्डर माधुरी (स्टार १)

       देश में आए दिन बलात्कार की खबरे आती रहती हैं, दिल्ली के निर्भया कांड के बाद लगा की शायद अब लगाम कस दी जाएँगी और अब इस तरह की घटना में कमी आएँगी, पर नहीं, फिल्म मर्डर माधुरी भी इस विषय को दर्शाती नज़र आ रही हैं,  इस फिल्म में एक उपाय दिया गया हैं किस तरह से घटना से बचा जाए और घटना की खबर तुरंत ही पास की पुलिस पहुच सके । 
        फिल्म मर्डर माधुरी की कहानी एक पिता ( शरद सक्सेना ) अपनी बेटी ( जिया खान ) के साथ देर रात बस का इंतज़ार कर रहे है, अचानक एक बस मिलती हैं जिसमे सिर्फ ४ पुरुष ही है, दोनों बस में सवार होते हैं और थोड़ी ही देर में लड़की का बलात्कार उसी के पिता के सामने होता। बलात्कारी बारी बारी उस लड़की का बलात्कार करते है और दोनों को अदमरा  छोड़ बस चली जाती है, लोंगो की मद्दत से पुलिस पहूती हैं, पर वह निक्कमी तब हो जाती है जब उसे यह पता चलता हैं की बलात्कारियो में एक होम मिनिस्टर का बेटा भी शामिल है।  पैसे और रसूक के दम पर सजा से यह बलात्कारी बच जाते  है पर पिता को तो बदला लेना ही हैं, वह कैसे बदला लेता है और वह उपाय क्या है इसके लिए आपको फिल्म देखनी होंगी । 
    अभिनय की बात करे तो शरद सक्सेना ने पिता के किरदार को निभाने में कोई कोताही नहीं छोड़ी वही दीपशिखा ने माँ के रोल को बखूबी निभाया हैं, वही किरण कुमार लंबे अरसे के बाद फिर नेगेटिव किरदार में नज़र आये,। 
    फिल्म का संगीत न के बराबर हैं कुछ खास नहीं इस लिए उसकी बात ही नहीं करते |
फिल्म में कई खामिया हैं डायरेक्शन, स्क्रीनप्ले , यहाँ तक सवांद, सिनेमेटोग्राफी कही कोई नयापन नज़र नहीं आया, जो उपाय बताया गया हैं वह कोई नया नहीं लगा । 
 
पुष्कर ओझा