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बोल्ड पर एक सीख देती फिल्म इश्क़ जूनून ( स्टार २ .5 )

 
 
फिल्म : इश्क़ जूनून 
कास्ट : दिव्या सिंह, राजबीर सिंह, अक्षय रंगशाही 
निर्देशक :  संजय शर्मा 
निर्माता : अनुज शर्मा  और विनय गुप्ता 
स्टार  :       2.5 
 
  महत्वाकांक्षा होना एक अलग बात हैं पर अगर यही महत्वाकांक्षा अति हो जाए तो इंसान इंसान नहीं रहता । कुछ यही है फिल्म इश्क़ जूनून की जुनूनियत  । करते हैं इस फिल्म की समीक्षा 
 कहानी की शुरुवात होती हैं पाखी ( दिव्या सिंह ) से जिसकी शादी होने जा रही थी, पिता के कहे अनुसार, पर पाखी को इस शादी में कोई रूची नहीं थी, वह तो अपने पंख फैला कर उड़ना चाहती थी , और उसने ऐसा ही किया, और घरवालो से लड़ कर शहर चली आती हैं, आज़ाद पक्षी की तरह उड़ने , पाखी को पैसो से खूब प्यार हैं, इसलिए वह कहती हैं एन्जॉय लाइफ पर शादी के चक्कर में ना बाबा ना । खेर एक दिन उसे  एक पैसे वाला लड़का यानि राज ( राजबीर सिंह ) से उसकी मुलाकात होती हैं और फिर दोनों में प्यार, कहानी में मोड़ तब आता हैं जब राज अपने फॉर्म हाउस में पाखी को ले जाता हैं जहा पाखी की मुलाकात वीर ( अक्षय रंगशाही ) से होती हैं और पाखी को पता चलता हैं की वीर तो राज से भी धनी हैं, पाखी राज को छोड़ वीर को अपनाना चाहती हैं । पर यहाँ से कहानी आपको मैं नहीं बताऊंगा फिल्म का क्लामेक्स खुल जायेगा, आपको फिल्म देखनी होंगी आखीर पाखी राज या वीर किसे चुनती हैं, क्या पाखी की महत्वाकांक्षा उसके आगे आती हैं । 
 इतना जरूर कहता हूँ की यह फिल्म उन लड़कियों के लिए एक सन्देश जरूर दे रही हैं जिनकी चाहत में सिर्फ और सिर्फ पैसे और अधिक महत्वाकांक्षा हैं । 
अभिनय की बात करे तो पाखी ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है, फिर सीन बोल्ड हो या कोई और, राजबीर और अक्षय ने भी अपने किरदार को जस्टिफाय करने की एक अच्छी कोशिश की हैं । 
संगीत की बात करते हैं  सिंगर  वरदान सिंह  का गीत 'कभी यु भी आ मेरे दिल में' पहले ही पॉपुलर हो ही चूका है, संगीत उम्दा हैं सिनेमा घर के बहार निकलते ही आप को याद रह जाते हैं वैसे काफी अरसे के बाद इस तरह के गाने चुनने मिले हैं । 
कमजोर कड़ी हैं फिल्म का निर्देशन, कहानी काफी अच्छी है पर एक बात समज में नहीं आई की फिल्म को इतना बोल्ड बनाने की जरुरत क्या थी अगर यह फिल्म में कुछ बोल्ड सीन और इंटिमेट सीन न भी होते तो फर्क नहीं पड़ता,और फिल्म को और अधिक संख्या में लोग देखते । 
समीक्षक :  पुष्कर ओझा