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भारत के 'रॉ एजेंट्स ' की सच्ची दास्तान बया करती फाॅर्स २ (स्टार ३ )

फिल्म : फाॅर्स २ 
कास्ट : जॉन अब्राहम, सोनाक्षी सिंह 
स्टार : ३ 
निर्माता : विपुल  शाह 
निर्देशक : अभिनव देव 
 
     फिल्म फाॅर्स सन २०११ में रिलीज़ हुई थी, ५ साल के बाद फिर एक बार नए पुराने टीम के साथ फाॅर्स २ इस बार  हिंदुस्तानी 'गुप्तचर' को लेकर बनाई गई हैं, क्या  रॉ एजेंट की रूप रेखा और  समस्या  को परदे में उतार पाने में संक्षम हुए आइए करते हैं समीक्षा ...... 
        कहानी की बात करे तो कहानी भारत के 'रॉ एजेंट्स ' की हैं, चाइना में भारत के कुछ 'रॉ एजेंट्स ' की  एक  एक के बाद एक मौत हो रही हैं, इन 'रॉ एजेंट्स '  में  मुंबई से इंस्पेक्टर यशवर्धन (जॉन अब्राहम) का एक दोस्त भी मारा जाता, और फिर शुरू होता हैं, यशवर्धन और रॉ एजेंट कमलजीत कौर उर्फ के के (सोनाक्षी सिन्हा) की टीम बुडापेस्ट जाती है। दोनों की तलाश शुरू होती संदिग्ध की दोनों की तलाश में शिव शर्मा (ताहिर राज भसीन) हाथ तो लगता है पर, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होंगी, कई रहस्य खोलते और 'रॉ एजेंट्स ' के बारे में एक ऐसी बात कही हैं, जिसे देख आप भी यही कहोंगे क्या सिनेमाग्रह में जाकर फिल्म देखे फिर आपको इन सवालो का उत्तर मिल ही  जायेगा। 
           अभिनव देव का निर्देशन कमाल की हैं, दाद देने होंगी, विशेष कर एक्शन सीक्वेंस और लोकेशंस कमाल के हैं, सिनेमैटोग्राफर्स की भी तारीफ करनी होंगी, फिल्म को शूट करने में कोई कोताही नहीं बरती हैं.  स्क्रीनप्ले को और अच्छी तरह से किया होता तो यह फिल्म और उभर कर आती, खासतौर पर क्लाइमेक्स में।  
अब आते हैं अभिनय की बात करते हैं जॉन अब्राहम ने लगता हैं अपनी बॉडी पर खूब ध्यान दिया जिस कारण फिल्म के एक्शन शूट को बेहतरीन तरीके से कर पाए और उन्हें एक्शन  फिल्मो में देखना दर्शको को रास भी आता हैं, रही बात सोनाक्षी की तो ठीक ठाक  ही एक्टिंग की हैं कुछ नया नज़र नहीं आया. ताहिर राज भसीन ने फिल्म मर्दानी में भी नेगेटिव किरदार निभाया था और इस बार भी वह नेगेटिव किरदार में ही हैं, पर मर्दानी के मुक़ाबले इस बार उनकी एक्टिंग निखरती नज़र नहीं आई।   
          संगीत की बात करे तो रीमेक काटे नहीं कटते सोंग हैं,बैकग्राउंड स्कोर कहानी की रफ्तार के साथ देते नज़र आते हैं जिस कारण आप फिल्म के साथ बंधे रहते हैं।  
               फिल्म को एक बार देखने में कोई हर्ज नहीं हैं, आगे आपकी मर्जी हैं।  
 
पुष्कर ओझा