बिकनी किलर चार्ल्स शोभराज की जिन्दगी से प्रेरित है निर्देशक प्रवाल रमन कि फ़िल्म 'मैं और चार्ल्स'|फिल्म की शुरुआत भी थाईलैंड में समंदर के किनारे एक लड़की की लाश मिलती है, इस हत्या का आरोप है चार्ल्स पर। फ़िल्म में चार्ल्स के उन सभी पहलू को सिमेत ने कि कोशिश की है चार्ल्स के लोगों का विश्वास जीतने का तरीका, लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित करने की शक्ति, ठगने की कला और चार्ल्स का तेज दिमाग शामिल है। पर फ़िल्म देखते हुए यह लगता है कि यह फ़िल्म पुलिस कॉप आमोद कांत के नजरिये से जिनके समय में शोभराज दिल्ली के जेल से सबको बेहोश करके फरार हुआ था। चार्ल्स शोभराज की जिन्दगी को परदे पर रणदीप हुड्डा ने बेहतरीन तरीक़े से जिया है। उन्होंने जिस तरह चार्ल्स के हावभाव को पकड़ा है और चार्ल्स के अंदाज में बातचीत का लहजा दिखाया है वो बेहतरीन है| फिल्म का स्क्रीनप्ले काफी कमजोर है। हमने चार्ल्स के कई पहलुओं को परदे पर देखा तो सही मगर कहीं न कहीं, कहानी या उसका बहाव दिल को नहीं छू रहा था। निर्देशक प्रवाल रमन फिल्म को स्टाइलिश बनाने के चक्कर में इसकी पटकथा पर ध्यान नही दिया| क्योकि शोभराज की जिंदगी से आज सभी वाकिफ है नही भी है तो गूगल पर सारी जानकारी है ही| फ़िल्म में ऋचा शर्मा, टिस्का चोपड़ा, आदिल हुसैन ने अपने अभिनय से फ़िल्म में प्रभाव डालने में सक्षम हुए है| बिओपिक फ़िल्म की कड़ी में यह फ़िल्म कमजोर इसलिए भी है की निर्देशक ने कहानी से दर्शकों को बाँध के रखने की कोशिश ही नही की है| चार्ल्स की भूमिका में रणदीप ने अपना काम किया, उन्हें देख आप यकीन कर लेंगे की कलाकार इसे कहते है|
पुष्कर ओझा