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रियलिस्टिक सिनेमा है आईएसआईएस...! (स्टार 2)

 
 
 
फ़िल्म:आईएसआईएस-एनेमीज़ ऑफ ह्यूमैनिटी
डायरेक्टरः युवराज कुमार
कलाकारः राहुल देव, रशीद नाज, युवराज कुमार, हरीश भिमानी और रुपाली
रेटिंगः 2 स्टार
 
पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद को लेकर कई फिल्में बॉलीवुड में बनी है। आतंकवाद के गम्भीर मसले को युवा फिल्मकार युवराज कुमार ने इस सप्ताह रिलीज़ हुई फ़िल्म "आईएस आई एस- एनेमीज़ ऑफ ह्यूमानिटी' में पेश किया है।सुभाष घई के एक्टिंग स्कुल विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल के पूर्व छात्र रहे युवराज कुमार ने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के बैक ग्राउण्ड पे यह फ़िल्म बनाई है फ़िल्म के निर्माता निर्देशक होने के साथ साथ उन्होंने फिल्म में मुख्य भूमिका भी बखूबी अदा की है।काफी रिसर्च करने के बाद उन्होने इस संवेदनशील सब्जेक्ट को सिनेमा के परदे पर उतारा है बेशक यह उनके लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण रहा होगा। लेकिन सिनेमा देखते हुए प्रतीत होता है कि फ़िल्म मेकिंग की कला उन्हें आती है। उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाने की कोशिश की है जो न सिर्फ दर्शकों को बांधे रखे बल्कि उनका मनोरंजन भी करे और साथ ही साथ आतंकी संगठन से नौजवानों के जुड़ने के पीछे की कहानी भी बयान कर सके। फ़िल्म अपने अंत मे एक मैसेज भी देती है और इसका हल तलाश करती हुई प्रतीत होती है।
      डिफेंस बैक ग्राउंड से ताल्लुक रखने वाले युवराज कुमार ने अपनी फिल्म ‘आईएसआईएस -एनेमीज़ ऑफ ह्यूमैनिटी’ के माध्यम से आईएसआईएस कैम्प में हो रही गतिविधियों को प्रभावी रूप से दिखाया है। साथ ही अपनी इस फिल्म से यह बताने की कोशिश की है कि किस तरह इस आतंकवादी संगठन से जुड़े लोग दुनिया भर के युवाओं को अपनी बातों से मिस गाइड कर के उनसे हिंसक वारदातों को अंजाम दिलाने में लगे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि आईएसआईएस को संयुक्त राष्ट्र और अन्य कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है।
    यह फिल्म आईएसआईएस के कामकाज के बारे में बताती है जो कि एक आतंकवादी समूह है, जो पूरे विश्व में तबाही मचा रहा है। इस फिल्म में एक्टर राहुल देव, रशीद नाज, युवराज कुमार और हरीश भिमानी शामिल हैं। युवराज कुमार द्वार निर्देशित और अटलांटिक फ़िल्म्स के बैनर तले बनी यह फ़िल्म 29 सितंबर को रिलीज़ हुई है।
     अक्षय कुमार की थ्रिलर फिल्म 'बेबी'में काम कर चुके रशीद नाज़ ने इसमे प्रभावी अभिनय किया है। बॉलीवुड के फेमस खलनायक राहुल देव ने इस फ़िल्म में अपनी अदाकारी से एक बार फिर सिद्ध किया है कि उन के अंदर निगेटिव रोल्स करने का माद्दा भरपूर मौजुद है। रुपाली ने फ़िल्म में मलिका के रोल में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है। हरीश भिमानी ने इसके संवाद लिखे है और एक्टिंग में भी अपनी छाप छोड़ी है। फ़िल्म का बैक ग्राउंड संगीत इसका प्लस पॉइंट है। फ़िल्म का एक गीत "ख़लिश" ज़ेहन में याद रह जाता है। तकनीकी मामले में फ़िल्म बेहतर दिखती है।