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रिश्तों और रोमांस को दर्शाती फ़िल्म सनम तेरी कसम (स्टार 2)

                  कई सालों से बॉलीवुड में रोमांस को परोसा है, और फ़िल्म सनम तेरी कसम, में भी रिश्तों और रोमांस का एक मिश्रण को पिरोने की एक अच्छी कोशिश की है| हा हर्षवर्धन राणे और मायरा हुसैन की आदाकारी की तारीफ करने में संकोश नही कर सकते| दोनों ने बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा है पर दोनों ने अपने अभिनय से किरदार को जकड़ कर रखा है|
            कहानी की बात करे तो सरस्वती उर्फ सरू ( मावरा) अपने सख्त पिता  ( मनीष चौधरी ) के आदेशों पर चलने वाली लड़की है| पर सरू थोड़ी पुराने तौर तरीकों के कपड़े पहनती है, एनेक लगाती है, पढने लिखने में माहिर है, पर आज के दौर में इस तरह की लड़की की शादी होना मुश्किल है और यही सरू के साथ भी होता है उसे लड़के देखने आते है पर कोई पसंद ही नही करता है| और इसी कारण सरू की छोटी बहन की शादी भी नही हो पाती है जबकि उसका बॉयफ्रेंड विवाह के लिए आतुर है|
              यह थी नायिका की बात नायक इंदर ( हर्षवर्धन )  का एक अतीत है| वह आठ साल जेल में हत्या की सजा काट कर लौटा है|  सरू और इंदर एक ही इमरात में रहते है, सरू को लगता है की इंदर उसका मेकओवर करने में उसकी मद्दत करेंगा| दोनों की यह प्रेम कहानी  कई मोड़ों से गुजरती हुई  कई रंग में नजर आती है| सादगी है, सहजता है| फ़िल्म में कई सीन पर आपके आसु जरूर निकाल सकते है
         फिल्म का संगीत  हिमेश रेशमिया ने दिया है, मगर वह बात नजर नही आई,  अच्छे गाने प्रेम कहानियों में प्लस पॉइंट होते हैं, जिनका यहां अभाव है। फिल्म 155 मिनट की है और यह लंबाई कहीं-कहीं एहसास दिलाती है, कई सीन जरूरत से ज्यादा लंबे और  ओवर नजर आए। इसके बावजूद यहां निःसंदेह प्रेम के कुछ भावुक पलों के बीच पारिवारिक ड्रामा भी है, जिसे परिवार के साथ भी देखा जा सकता है।

पुष्कर ओझा |