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सभी को एक बार तो इस पैडमैन को देखना ही चाहिए स्टार 3.5/5

यह कहानी गांव की उन महिलाओं के साथ उन  सब के लिए जो आज भी रीती रिवाज के बंधनों में बंधे हुए हैं और औरत को ५ दिन के लिए ऐसा बर्ताब करते हैं जैसे की वह ५ दिन में उसने बड़ा गुनाह किया हो | यह फिल्म सत्य घटना पर आधारित हैं | 

फिल्म : पैडमैन
निर्देशक : आर. बाल्की 
निर्माता : ट्विंकल खन्ना 
कास्ट : अक्षय कुमार, राधिका आप्टे और सोनम कपूर 
संगीत : अमित त्रिवेदी 
स्टार : 3.5/5
समीक्षक : पुष्कर ओझा 
      बात करते हैं कहानी की लक्ष्मी प्रसाद चौहान एक सीधा सादा युवक हैं जिसकी शादी  गायत्री ( राधिका आप्टे ) से हुई हैं, और अभी कुछ ही दिन बीते गायत्री घर के बहार रहने लगी जहा उसे खाना पीना और सोना पड़ता हैं यह बात लक्ष्मी को तब समज में आता है की है उन दिनों में महिलाये ५ दिन तक बहार ही रहती हैं | लक्ष्मी अपनी पत्नी से मिलने बहार आता हैं तो उसे नज़र आता है की गायत्री एक गंदे कपडे को अपनी साडी के निचे सूखा रही हैं | यह सब देख लक्ष्मी बाजार से सैनिटरी नैपकिन खरीद कर ले आता हैं पर घर की माली हालात के चलते गायत्री उसे वापस करने को कहती हैं क्युकि उसकी कीमत ५५ रुपये है जिससे घर में दूध घी आ सकता हैं | खेर लक्ष्मी सोचता हैं की इतनी हलकी वस्तु की कीमत इतनी क्यू | यहाँ तक लक्ष्मी पैड को खोल कर देखता हैं उसे लगता हैं की २५ पैसे की रुई की कीमत और थोड़े से पैसे के कपडे की कीमत इतनी, अब वह पैड बनाना शुरू करता हैं पर विफल होता हैं | और इस बिच घर परिवार ही नहीं गांव समाज भी उसके खिलाफ हो जाता है |पर वह पैड बनाना ही चाहता हैं पर उसे एक दिन समज में आता हैं की सारा काम सिर्फ रुई और कपडे का नहीं बल्कि मशीन का, लक्ष्मी रहा आठवीं पास उसे अब वह चाहता हैं की मशीन ले पर वह आती है करोडो की अब लक्ष्मी तय करता हैं की वह मशीन बनायेंगा जिससे काफी काम दाम में पैड बना कर जरुरत मंद महिलाओं तक बहुत की कम कीमत में पहुचायेंगा | इन सब काम के लिए उसे मिलता हैं परी( सोनम कपूर ) का साथ | फिर अब आगे के लिए ाको सिनेमा गृह का रुख करना होगा |  
     निर्देशन की बात करते हैं तारीफ करनी होंगी आर. बाल्की सच में अहम मुद्दों-समस्याओं पर फिल्म बनाना उन्हें लेकर जागरूकता फैलाने का काम किया हैं | साथ की पी. सी. श्रीराम की सिनेमैटोग्राफी की की तारीफ करनी पड़ेंगी घात से लेकर गांव और गालिया भी दिखने से नाह चुके हैं | 
    बात करते हैं अभिनय की अक्षय कुमार ने टॉयलेट एक प्रेम कथा के बाद फिर एक बार अपनी कला का बेहतरीन अदाकारी दिखाई हैं लकश्मी के किरदार में अक्षय ने कोई कसार नहीं छोड़ी हैं, फिल्म में सोनम की भी तारीफ करनी होंगी नीरजा के बाद सोनम ने इस बार अच्छी एक्टिंग की है, रहा सवाल राधिका आप्टे का तो उनकी ाटिंग ठीक थक ही थी सच कहु तो अक्षय की पत्नी में जची नहीं | 
   बात करते हैं संगीत की फिल्म का पहला सांग 'आज से मेरी' पहले ही हिट हो चूका है, अन्य गाने भी ठीक है, कही से कहानी को डिसट्रब नहीं करते हैं | 
    कमजोर कड़ी की बात दरअसल नहीं करनी चाहिए पर कर रहा हूँ यह फिल्म मध्य  प्रदेश की दिखाई पर रीती रिवाज साउथ के नज़र आये जहा उन दिनों में लड़किया जब पहलीबार तो उसे उत्सव की तरह। . खेर आप समज ही गए और भी कुछ गालिया है पर उसे नज़र अंदाज किया जा सकता हैं | 
 
फिल्म को शहर के लोंगो से ज्यादा गांव के लोंगो को देखना ही चाहिए कम से कम एक बार तो |