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सस्पेंस बेहतरीन पर अभिनय से वंचित 'इत्तफाक' ( स्टार 3 /5 )

1969 में आई फिल्म 'इत्तफाक' में राजेश खन्ना और नंदा ने बेहतरीन अदाकारी की थी, उसी कहानी के साथ डायरेक्टर बीआर चोपड़ा के पोते अभय चोपड़ा फिल्मो में अभिनय के बाद निर्देशक बन चुके हैं, अभय ने इस फिल्म से डायरेक्शन में डेब्यू किया है। चलिए दादा और पोते में कितना इत्तफाक हैं जानते हैं | 

फिल्म      : इत्तफाक
श्रेणी       : सस्पेंस थ्रिलर
निर्देशक  : अभय चोपड़ा
कास्ट     : सिद्धार्थ मल्होत्रा, सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय खन्ना
संगीत     : तनिष्क बागची
निर्माता    : शाहरुख खान, गौरी खान, करन जौहर, रेनू रवि चोपड़ा और हीरू यश जौहर
रेटिंग : 3/5
 
     कहानी की बात करते हैं  फिल्म की कहानी लेखक  विक्रम सेठी (सिद्धार्थ मल्होत्रा) से शुरू होती है। विक्रम, लंदन  से मुंबई अपनी किताब लॉन्च करने आता है। इसी बीच एक रात विक्रम की पत्नी  कैटरीन (किंबरली लूइसा मैकबेथ) की डेथ हो जाती है। वहीं, दूसरी ओर इसी रात माया (सोनाक्षी सिन्हा) के हसबैंड, जो वकील होता है, की भी डेथ हो जाती है। दोनों की डेथ नेचुरल नहीं होती और इसे हत्या बताया जाता है। विक्रम और माया के पार्टनर की हत्या का शक इन्हीं दोनों पर जाता है। लेकिन दोनों इससे साफ इंकार कर देते थे। दोनों के पास पुलिस ऑफिसर देव (अक्षय खन्ना) को सुनाने के लिए अलग कहानी होती है। दोनों यह साबित करने की कोशिश करते हैं कि उन्होंने यह खून नहीं किया है। माया, विक्रम पर जबर्दस्ती अपने घर के अंदर घुसने का आरोप लगाती है तो विक्रम बताता है कि माया का व्यवहार उसके साथ काफी फ्रेंडली था। विक्रम के अनुसार उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो जाता है, जिसकी वजह से वह  माया के पास मदद के लिए पहुंचता है। आखिर सच कौन बोल रहा हैं विक्रम या माया, इसी सच की तलाश को देखने के लिए आपको सिनेमागृह की और रुख करना होगा | 
    निर्देशक की बात करते हैं  फिल्म का निर्देशन बेहतरीन है। कमी हैं तो उसकी रफ़्तार जिसे थोड़ा फ़ास्ट किया जा सकता था, १९६९ का दौर अलग था और आज का दौर अलग हैं, इस बात पर  अभय को ध्यान देने की जरूर थी, है सस्पेंस की बात करे तो उन्होंने पूरी कोशीश की बरक़रार रखने की | 
    अभिनय की बात करते हैं छोटा मुँह बड़ी बात पर सिद्धार्थ मल्होत्रा को कास्ट कर पहली गलती की, इस तरह की फिल्म के लिए सिध्दार्थ फिट नहीं बैठते  रहा  सोनाक्षी सिन्हा के  परफॉर्मेंस की बात तो उसे थोड़ा और अच्छा किया जा सकता था ।फिल्म में अभिनय किया तो वह हैं  पुलिस ऑफिसर के रोल में अक्षय खन्ना ने |  
     संगीत की बात करे तो फिल्म में गाने नहीं हैं  सस्पेंस फिल्मों में बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा होना चाहिए जो इस फिल्म में हैं | 
 
पुष्कर ओझा