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'भोजपुरी संगीत का सिर्फ लोकगीतों तक सिमट जाना चिंता का विषय ''- चन्दन सिंह (ग़ज़ल गायक)

 
भोजपुरी के प्रथम प्रयोगधर्मी ग़ज़ल गायक के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुके ग़ज़ल गायक चन्दन सिंह को संगीत विरासत में प्राप्त हुआ है । इनके पिता संत कुमार सिंह ख्याति प्राप्त लोक गायक हैं । चन्दन सिंह की संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता और बड़े भाई जीतेन्द्र कुमार से प्राप्त हुई तत्पश्चात इन्होंने बनारस घराने के प्रसिद्द शास्त्रीय गायक पंडित रामप्रकाश मिश्र और डॉ लावण्य कीर्ति सिंह 'काब्या' से शास्त्रीय संगीत की शिक्षा प्राप्त की । छपरा जिले के मढ़ौरा क्षेत्र में जन्में चन्दन को बचपन से ही विभिन्न वाद्य यंत्रों को बजाने में रूचि थी शायद इसी रूचि ने इन्हें संगीतकार बनने की प्रेरणा दी । देश भर में अपनी प्रस्तुतियों से अपनी गायकी का लोहा मनवा चुके चन्दन सिंह ने भोजपुरी संगीत की गिरती साख को देखकर भोजपुरी में ग़ज़ल गाने की ठानी और आज अपनी आवाज़ से सम्पूर्ण भोजपुरी जगत को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं , प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत का संक्षिप्त अंश -
सवाल -भोजपुरी में ग़ज़ल क्यों ?
जवाब - जब पंजाबी, बांग्ला आदि में ग़ज़लें गायी जा सकती हैं तो फिर भोजपुरी में क्यों नहीं ! भोजपुरी में लगभग 100 वर्षों से ग़ज़ल लिखी जा रही है , ये अलग बात कि इसे गाया नहीं गया या फिर ग़ज़ल जैसा नहीं गाया गया ।
सवाल - आप हिंदी,उर्दू और भोजपुरी तीनों भाषाओँ में ग़ज़ल गाते हैं , सर्वाधिक आनंद मिलता है ?
जवाब - ये कठिन प्रश्न है फिर भी भोजपुरी मेरी मातृभाषा है इसलिए कहना चाहूंगा कि भोजपुरी में ग़ज़ल गाना अधिक आनंददायी है ।
सवाल -भोजपुरी में व्याप्त अश्लीलता के बारे में क्या कहेंगे ?
जवाब - अश्लीलता हर भाषा के संगीत में कमोबेस मौजूद है , चुकी भोजपुरी भाषियों की संख्या अधिक है इसलिए इसकी चर्चा अधिक हो जाती है । जरुरत है भोजपुरी में अच्छे संगीत की मात्रा बढ़ाने की साथ ही संगीत की अन्य विधाओं को भोजपुरी संगीत में शामिल करने की । भोजपुरी संगीत का सिर्फ लोकगीतों तक सिमट जाना चिंता का विषय है ।
सवाल - आपके आदर्श कौन हैं ?
जवाब - हरिहरन जी
सवाल - आप संगीत निर्देशक भी हैं , आपकी आने वाली कौन सी फिल्में हैं जिनमें आपने संगीत दिया है । 
जवाब - भोजपुरी में कुर्बान प्यार के नाम, औरत तेरी यही कहानी, और तोहरे खातिर आने वाली है और हिंदी की एक फिल्म 'पंछी' जल्द रिलीज होने वाली है ।
सवाल - आपके पसंदीदा शायर/गीतकार कौन हैं ?
जवाब - डॉ जौहर शफियाबादी , जिनकी लिखी और मेरी गायी ग़ज़ल 'सच्चा सच्चा प्यार' काफी मक़बूल है । गुलरेज़ शहजाद और ध्रुव गुप्त जी । 
सवाल - नए संगीत साधकों को कोई सलाह देना चाहेंगे ?
जवाब - बस इतना ही कहूंगा कि संगीत की चाहे जिस विधा से वो जुड़े हों, शास्त्रीय, सुगम अथवा लोकसंगीत , वे संगीत की तालीम अवश्य लें और नियमित रियाज करें ।